मंगलवार, 1 जून 2010

रजनीश

रजनीश चंद्रमा को कहते हैं। रजनीश रजनी का स्वामी और अधिपति होता है। संध्या को रजनी-मुख कहा जाता है ; चन्द्रमा का हमारी सृष्टि में बहुत महत्त्व है। अनेक ओषध चन्द्र- तापी होती हैं, वे सुधाकर चन्द्र की सुधा में ही पुष्ट होती हैं। ये मन और बुद्धि का विकास करने वाली होती हैं। मन को चंद्रमा भी कहा गया है। सब प्रकार के अन्न के उत्पादन में भी चंद्रमा की अहं भूमिका है। चन्द्रमा शीतल एवं सुखदायी होता है ; वह सभी को अपने प्रेम-पाश में बांध लेता है। चन्द्रमा की अभिव्यक्ति सृष्टि के कण-कण में व्याप्त है।वह दिशिता - बोध भी करता है। साथ ही वह शुक्ल- कृष्ण पक्ष की अन्विता से युक्त है। अमावस्या के बाद वह पुन: जन्म लेता है और पूर्णमासी तक अपने सौंदर्य को परिपुष्ट क़र कलाधर बन जाता है। एक मास में दो बार जन्म लेने के कारण चन्द्रमा को द्विज कहा जाता है। द्विज-प्रकृति के व्यक्ति अत्यधिक मनस्वी ,मेधावी ,जन्मत: सुसंस्कृत होते हैं।हमारे सभी पर्व-त्यौहार एवं मास चन्द्र पर ही आधारित हैं। योगी प्राणों को चन्द्र द्वारा ही पुष्ट करता है ; योग में चन्द्र नाड़ी का बहुत महत्त्व है। भौगोलिक स्थिति के अनुसार चन्द्रमा एक उपग्रह है। चंद्रमा हमारी पकड़ में भी आ गया है, वह हम से दूर नहीं रहा। पुराण के अनुसार ये अत्रि और अनसूया के पुत्र हैं। यह समुद्र-मंथन से निकले चौदह रत्नों में से एक है। इसी कारण इसे लक्ष्मीका भाई एवं समुद्र-पुत्र भी कहते हैं। इनका विवाह दक्ष की सताईस कन्याओं से हुवा था। वे अपनी पत्नी रोहिणी पर विशेष प्रेम करते थे। इसी कारण दक्ष प्रजापति ने इन्हें शाप दिया; देवताओं ने चन्द्रमा के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की। इस पर दक्ष ने कहा कि चन्द्रमा का १५ दिन क्षय और १५ दिन वृद्धि होगी। शिव ने हलाहल विष की शांति के लिए इन्हें अपने सिर पर धारण किया। परिणामत: शिव सोमनाथ कहलाये। ये अपने गुरुबृहस्पति की पत्नी को हर लाये थे , जिनसे इन्हें बुध नामक पुत्र प्राप्त हुवा था। चन्द्रमा सुन्दरता और शीतलता के प्रतीक हैं। इसके प्रमुख पर्यायवाची हैं-- सोम, सुधाधर,इंदु, सुधाकर,हिमांशु, शशि,शशधर, शशांक, मृगांक, नक्षत्रेश, कुमुद-बांधव,क्षपाकर, निशापित, विधु, कलानिधि, द्विजराज, सुधानिधि, कलंकधर, उद्दुप, राकापति, अम्रितद्युती,रजनीश आदि। इसमें रजनीश नाम सृष्टि की उत्पादन- धर्मिता के साथ- साथ सौन्दर्य - बोध का भी संयुक्त रूप है।

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1 टिप्पणियाँ:

Blogger Rajnish Bansal ने कहा…

Excellent post papaji! Mere ko aaj se pehle mere naam ke baare me kuch bhi maloom nahin thaa. Aapne bahut hi acche se vistar kiya hai. Thank you for enlightening me. :-) Regards... Rajnish

1 जून 2010 को 8:40 pm बजे  

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